आप अकूत सम्पदा के स्वामी हैं
यह आपकी पहचान हो सकती है
आपकी पहचान आपका अस्तित्व नहीं हो सकता .
आपके सम्मुख महत्वपूर्ण
आपका स्वाभिमान नहीं हो सकता .
आपमें
आपका अपनापन
जिसे आप सब में बाँटते हैं
वही बताता है
आप हो
अन्यथा
आपकी प्रसिद्धी हो सकती है -
लोकप्रियता हो सकती है ,
किन्तु -सार्थकता
आपके अपनेपन में है
आपके कुबेरपन में नहीं .
यह आपकी पहचान हो सकती है
आपकी पहचान आपका अस्तित्व नहीं हो सकता .
आपके सम्मुख महत्वपूर्ण
आपका स्वाभिमान नहीं हो सकता .
आपमें
आपका अपनापन
जिसे आप सब में बाँटते हैं
वही बताता है
आप हो
अन्यथा
आपकी प्रसिद्धी हो सकती है -
लोकप्रियता हो सकती है ,
किन्तु -सार्थकता
आपके अपनेपन में है
आपके कुबेरपन में नहीं .
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